Budget 2025 in Hindi:बजट 2025 क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा हुआ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, निवेश को बढ़ावा देना और निर्यात को प्रोत्साहित करना है। बजट में कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), निवेश, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस बजट में विभिन्न वस्तुओं पर टैक्स में कटौती और वृद्धि की गई है, जिससे कई उत्पाद सस्ते होंगे और कुछ उत्पाद महंगे होंगे। आइए जानते हैं कि बजट में कौन सी चीजें सस्ती हुईं और कौन सी महंगी हुईं।
बजट 2025 के मुख्य क्षेत्र
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। इस बजट में घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे में निवेश करने और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई। कस्टम ड्यूटी (कस्टम शुल्क) और छूटों में बदलाव ने कुछ उत्पादों को सस्ता किया है, जबकि कुछ आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाया गया है।

क्या सस्ता हुआ?
जीवन रक्षक दवाइयाँ
बजट 2025 का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कदम जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी को पूरी तरह से समाप्त करना है। इसमें कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयाँ शामिल हैं, जो अब मरीजों के लिए अधिक सस्ती होंगी। इसके अलावा, 37 और दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है।
महत्वपूर्ण खनिज
सरकार ने कई महत्वपूर्ण खनिजों पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी है। कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी अपशिष्ट, लीड और जिंक पर कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया है, जिससे बैटरी निर्माण और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) उद्योग को लाभ होगा। इसके अलावा, प्लेटिनम पाउडर पर कस्टम ड्यूटी को 25% से घटाकर 6.4% कर दिया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और मोबाइल बैटरी घटक
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने EV बैटरी उत्पादन में उपयोग होने वाले 35 और उत्पादों को कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। इसी तरह, मोबाइल फोन बैटरी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले 28 और उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है।
जहाज निर्माण
स्थानीय जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने जहाजों और उनके घटकों पर कस्टम ड्यूटी छूट को अगले दस वर्षों तक बढ़ा दिया है।
इथरनेट स्विच
कैरियर-ग्रेड इथरनेट स्विच पर कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है, जिससे ये स्विच अब सस्ते हो गए हैं।
रासायनिक यौगिक
पाइरीमिडीन और पाइपराजिन जैसे रासायनिक यौगिकों पर कस्टम ड्यूटी को 10% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है, जिससे इन रसायनों पर निर्भर उद्योगों को फायदा होगा।
ओपन-सेल डिस्प्ले पैनल
ओपन-सेल डिस्प्ले पैनलों पर कस्टम ड्यूटी को 5% कर दिया गया है, जिससे टीवी और मोबाइल फोन उद्योग को फायदा होगा।
मछली और समुद्री भोजन
समुद्री खाद्य पदार्थों को सस्ता बनाने के लिए, मछली के पेस्ट पर कस्टम ड्यूटी को 30% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी तरह, अन्य मछली उत्पादों पर भी कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है।
संश्लेषित फ्लेवरिंग एसेंस
खाद्य और पेय उद्योग को लाभ पहुंचाने के लिए, संश्लेषित फ्लेवरिंग एसेंस पर कस्टम ड्यूटी को 100% से घटाकर 20% कर दिया गया है।
चमड़ा
वेट ब्लू चमड़े पर कस्टम ड्यूटी को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे चमड़ा उद्योग को फायदा होगा।
अन्य उत्पाद जो सस्ते हुए
कई अन्य उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है:
- हेडसेट, माइक्रोफोन, रिसीवर्स, और यूएसबी केबल्स के निर्माण में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री।
- 1600 सीसी से नीचे के इंजन क्षमता वाले मोटरसाइकिलों पर कस्टम ड्यूटी को 50% से घटाकर 40% कर दिया गया है।
- 1600 सीसी से ऊपर के इंजन क्षमता वाले मोटरसाइकिलों पर कस्टम ड्यूटी को 50% से घटाकर 30% कर दिया गया है।
- क्रस्ट चमड़े (खाल और चमड़े) पर निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
- खिलौनों में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है।
क्या महंगा हुआ?
फ्लैट पैनल डिस्प्ले
सरकार ने टीवी और मोबाइल फोन में उपयोग होने वाले फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। कस्टम ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है, जिससे इन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमत बढ़ सकती है। इसी तरह, डिजिटल शिक्षा में उपयोग होने वाले इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
कपड़ा उद्योग
कुछ कपड़ों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। खासकर, कुछ निटेड फैब्रिक पर कस्टम ड्यूटी 10-20% से बढ़ाकर 20% या ₹115 प्रति किलोग्राम (जो भी अधिक हो) कर दी गई है। इससे आयातित कपड़े महंगे हो सकते हैं।
आयातित जूते और मोमबत्तियाँ
आयातित जूतों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, जिससे इन उत्पादों की कीमत बढ़ सकती है। इसी तरह, आयातित मोमबत्तियों पर भी कस्टम ड्यूटी में वृद्धि की गई है।
आयातित नौकाएँ और जहाज
आयातित नौकाओं और अन्य जहाजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है, जिससे इन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
सोलर सेल्स और स्मार्ट मीटर
सोलर सेल्स, जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, और स्मार्ट मीटर, जो पावर उद्योग के लिए आवश्यक हैं, दोनों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि की गई है। इससे इन उत्पादों की लागत में वृद्धि हो सकती है, जो हरित ऊर्जा उत्पादन और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित कर सकता है।
PVC उत्पाद
PVC फ्लेक्स फिल्म, PVC फ्लेक्स शीट्स और PVC फ्लेक्स बैनर्स जैसी वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि की गई है, जिससे ये उत्पाद महंगे हो सकते हैं।
बजट 2025 के व्यापक प्रभाव
इस बजट का मुख्य उद्देश्य घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना और उपभोक्ता कल्याण को संतुलित करना है। जीवन रक्षक दवाओं और महत्वपूर्ण खनिजों पर कस्टम ड्यूटी में कमी से स्वास्थ्य और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को सहायता मिलेगी। वहीं, फ्लैट पैनल डिस्प्ले और कुछ आयातित वस्तुओं पर टैक्स में वृद्धि से उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।
इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र और जहाज निर्माण क्षेत्रों में। इसके अलावा, जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स में कमी और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाए गए हैं, जो भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निवेश और बुनियादी ढांचा
बजट 2025 में बुनियादी ढांचे और निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए गए हैं। “शहरी चुनौती कोष” ₹1 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो शहरी पुनर्विकास और जल-संवर्धन कार्यों में मदद करेगा। कृषि क्षेत्र के लिए ₹1.7 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे किसानों को समर्थन मिलेगा। इसके अलावा, डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास पर भी जोर दिया गया है, जिससे तकनीकी शिक्षा सस्ती और सुलभ होगी।
Budget 2025 in Hindi
बजट 2025 में किए गए निर्णय भारत की अर्थव्यवस्था के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। कुछ वस्तुएं सस्ती हुईं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, जबकि कुछ उत्पाद महंगे हुए, जो घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। कुल मिलाकर, यह बजट एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत को एक कदम और आगे बढ़ाएगा।